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#हम चले एक साथ थे मंज़िल भी बनाई साथ थी । एक बिस्तर पर एक छत के नीचे कटती दोनों रात थी ॥ मंज़िल भी मिलेगी अरमानों की थी एक आस ऐसा एक साल प्यारी प्यारी मुन्नी एक थी छोटी समाज साथ एक

Hindi मंज़िल भी बनाई साथ थी । एक बिस्तर पर Poems